Friday, 23 March 2012

इंसानी आइना : ज्योतिष का तिलस्म




शब्दों और अंकों के रहस्य  में छिपा आपका भविष्य


संसार के प्रत्येक देश में नाम को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषियों ने नाम की संख्या (संयुक्त अंक) बनाकर फलादेश करने की विधि बतलाई है। भारतीय ज्योतिष में नाम के पहले अक्षर का विशेष महत्व होता है, क्योंकि प्रथम नामाक्षर द्वारा राशि और नक्षत्र आदि का ज्ञान हो जाता है।

अंक विज्ञान विश्व का सर्वाधिक प्राचीन और उन्नत विज्ञान है। आज के युग में जिस गति से यह मानव के निकट आता जा रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि अंक ही आज के मानव का सर्वाधिक विश्वस्त मित्र है, उसका सहचर है, सुख-दु:ख का भागी है, पथ-प्रदर्शक है। काल गणना में हमारे महर्षियों ने अंकों का सहारा लिया। जीवन का मूलाधार ग्रहों का राजा सूर्य है। मन-मस्तिष्क पर प्रभाव चन्द्रमा का है, जो सदैव चलायमान व अस्थिर रहता है। मंगल ग्रहों का सेनापति व सेनानायक है। मंगल युद्ध का देवता बन रक्त का प्रतिनिधित्व करता है, बुध युवराज तर्कशक्ति का स्वामी है। वृहस्पति तो देव गुरु हैं, अत: शिक्षा-दीक्षा और संतानकारक हैं। शुक्र भोग, ऐश्वर्य और काम भाव का स्वामी है। शनि न्यायाधीश है। राहु शनि का और केतु मंगल का छाया ग्रह है।
सप्ताह के सात दिन इन्हीं ग्रहों के परिणाम हैं और उन्हीं के आधार पर  प्रत्येक देश और धर्म में सप्ताह के दिनों के नाम रखे गए हैं। हमारा पूरा जीवन अंकों का जीवन है। लोक कथा प्रचलित है कि प्रभु ने शनिवार के दिन हिब्रू लोगों को यह आदेश दिया कि इस दिन कोई काम न किया जाए। आदेश देते हुए उन्होंनेे कहा था सदा के लिए यह मेरे और इजरायल के बच्चों के बीच एक करार है और यह आश्चर्य की बात है कि आधुनिक सभ्यता के इस युग में भी शनिवार का दिन, छुट्टी का दिन बनता जा रहा है। दार्शनिक साहित्यकार शेक्सपियर ने जिसके विचार सदा सदा के लिए अंग्रेजी साहित्य की शोभा बढ़ाते रहेंगे, एक महत्वपूर्ण सूक्ति लिखी है- मनुष्य के जीवन में कठिनाइयों के तूफान आते हैं, परन्तु जब वह उन पर नियंत्रण कर लेता है, तो भाग्य के द्वार खुल जाते हैं। यह प्रकार बार-बार पूछा जाता है कि क्या मनुष्य कठिनाइयों के तूूफान पर काबू पाने का समय जान सका है? ज्योतिष इस प्रश्न का उत्तर हां में देता है? प्राचीन कैलेडियन और हिब्रू वर्ण माला के प्रत्येक अक्षर का अंक अथवा उसकी क्षमता निर्धारित की गई है। उसकी व्युत्पत्ति कब हुई, यह बात अतीत के गर्भ में समा गई, परन्तु विश्वास किया जाता है कि कैलेडियन लोगों ने इसका आविष्कार किया था, क्योंकि वे गुप्त जादू की कला में दक्ष थे, उनसे यह रहस्य हिब्रू लोगों ने सीखा।
संसार के प्रत्येक देश में नाम को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषियों ने नाम की संख्या (संयुक्त अंक) बनाकर फलादेश करने की विधि बतलाई है। भारतीय ज्योतिष में नाम के पहले अक्षर का विशेष महत्व होता है, क्योंकि प्रथम नामाक्षर द्वारा राशि और नक्षत्र आदि का ज्ञान हो जाता है। प्रचलित नाम है या जिस नाम से व्यक्ति पुकारा जाता है, जैसे स्व. पंडित जवाहरलाल नेहरू। पूरा नाम शायद ही कोई लेता हो। पंडित जी या नेहरू जी के नाम से ज्यादा पुकारते थे। इसी प्रकार स्व. मोहनदास, करमचन्द्र गांधी। इनके नाम भी

बापू और गांधी ये दोनों नाम प्रचलित थे।
कहने का अर्थ यह है कि जिस नाम से जो व्यक्ति ज्यादा जाना जाए, उन्हीं नाम के अक्षरों की संयुक्त संख्या बना कर फल कथन की विधि लिखी जाती है।

विश्व प्रसिद्ध हस्तरेखा विशेषज्ञ एवं अंक शास्त्री कीरो के मतानुसार
ए-1    एफ-8    के-2    पी-8    यू-6
बी-2    जी-3    एल-3    क्यू-1    व्ही-6
सी-3    एच-5    एम-4    आर-2    डब्ल्यू-6
डी-4    आई-1    एन-5    एस-3    एक्स-5
ई-5    जे-1    ओ-7    टी-4    जेड-7

महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या मूल नाम या उपनाम के सभी अक्षरों को अन्तिम अंक निकालने के लिए जोड़ लेना चाहिए? उसका उत्तर यह है कि हमें अत्यंत प्रचलित नामों को ही जोडऩा चाहिए। जब उपनाम अधिक प्रचलित हो और व्यवहार में आता हो, तब ही उसे मूल अंक प्राप्त करने के लिए जोडऩा चाहिए।  आइएगा! नामाक्षर द्वारा संयुक्तांक कैसे बनाया जाए, इसे देखें, समझें और फिर स्वयं और परिवार के सदस्यों का भविष्य इस अंक विज्ञान द्वारा जानें। सर्वप्रथम अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार नाम केपिटल अक्षरों में लिखिए, तदोपरान्त ऊपर लिखी सारणी में दिए गए अक्षरों के अंकों को उस अक्षर के सामने लिखिए और इसका योग कर लीजिए, यही संयुक्तांक होगा।

नामाक्षर से शुभ अशुभ का विचार
किसी भी नाम का शुभ होना या अशुभ होना उसके नाम का अंकों में परिवर्तित कर देना, पर ज्ञात होगा।
जैसे महात्मा गांधी
MAHATMA    GANDHI
4151441    315451= 39
महात्मा का नामांक    4+1+5+1+4+4+1=20
गांधी शब्द का नामांक  3+1+5+4+5+1=19

20 अंक  : इस अंक को अंक विशेषज्ञों ने न्याय का प्रतीक माना है। अनीति उसे सहन नहीं, पक्षपात से परे ऐसा व्यक्ति न्याय की तुला पर ही सबको तौलता है।
19 अंक : यह अंक व्यक्ति की उच्चाकांक्षाओं और श्रेष्ठता का द्योतक है। ऐसा व्यक्ति साधारण कुल में जन्म लेकर उन्नति की तरफ अग्रसर होता है। सीमित परिवेश से निकलकर निश्चित ही ख्याति, यश एवं प्रशंसा प्राप्त करते हैं।
39 अंक : यह धीरता का अंक है तथा मानसिक उर्वरता एवं जीवन्तता का प्रतीक है। चाहे कितनी ही कठिनाइयां आएं, चाहे कैसी भी बाधाएं उपस्थित हों, ये अपने मार्ग से हटते नहीं, अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ते और यही ओजस्वीयता उन्हें अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सफलता दिलाती है।

नामांक की संख्या में परिवर्तन
नाम के अक्षरों का जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है। नेपोलियन बोनापार्ट अपना नाम Nepolean Bounaperte लिखता था, जिसकी संख्या क्रमांक इस प्रकार थी -
NAPOLEAN BOUNAPERTE
51873515    2765185245
35        45

कुल योग- 35+45=80

80 अंक का प्रभाव : पूर्ण सफलता का परिचायक यह नामांक, व्यक्ति को अत्यंत उच्च धरातल पर प्रतिष्ठित करने में सफल हुआ। यह जातक सम्पूर्ण यूरोप का प्रथम और अंतिम सम्राट बना। पर दुर्भाग्यवश कुछ समय बाद नेपोलियन ने अपने नाम के हिज्जे बदल दिए और अपना नाम Nepolean bounaparte लिखना शुरू कर दिया। इस प्रकार कुल संयुक्तांक 76 ही रह गया। यह अंक अभाग्य का सूचक है। और नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के मैदान में पराजित हुआ और जीवन की अंतिम सांस बंदी के रूप में ली।

संयुक्त अथवा आध्यात्मिक अंक

10 से आगे के अंक संयुक्त अंक कहलाते हैं। 1 से 9 तक के अंकों का संबंध व्यक्तियों के शारीरिक और भौतिक पक्ष से है और इससे आगे के अंकों का संबंध जीवन के तंत्र अथवा आध्यात्मिक पक्ष से है। आगे 80 तक के संयुक्त अंकों के अर्थ और प्रतीक दिये हैं।

अंक 10 
इस अंक को भाग्य चक्र के प्रतीक के रूप में माना जाता है। यह अंक सम्मान, विश्वास व जीवन में उतार-चढ़ाव से संबंधित है। इस अंक का अर्थ यह है कि व्यक्ति को नाम प्राप्त होगा, भले ही वह अच्छे कार्यों के कारण हो या बुरे कार्यों के कारण। ऐसा होना उसकी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है। इस दृष्टिकोण से यह अंक सौभाग्यशाली है। इस अंक वाले व्यक्ति की योजनाओं की पूर्ति की सदैव संभावना बनी रहती है। खलील जिब्रान के शब्दों में -थक गये हो। बैठकर आराम कर लो, पर रोओ नहीं, वरना मंजिल और लंबी हो जाएगी।ÓÓ

अंक 11
तंत्र विद्या में यह अंक अशुभ माना जाता है। इसमें अन्य व्यक्तियों से इस अंक वाले व्यक्ति को धोखा दिए जाने या मुकदमे आदि में फंसाने की चेतावनी है। इसका प्रतीक है, मुट्ठी बंद हाथ अथवा मुंह बंद सिंह। इस अंक वाले व्यक्ति को अनेक कठिनाइयों से संघर्ष करना पड़ता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल के शब्दों में- जिसकी मांगों में न्याय नहीं होता, जनता का साथ नहीं होता, वही दंगा करते, कराते हैं।ÓÓ

अंक 12
यह अंक दु:ख, कष्ट एवं मानसिक अशान्ति का प्रतीक है। जिसके नाम का यह अंक बनता है, वे दूसरों के द्वारा अपने हित साधन एवं स्वार्थ पूर्ति के लिए बलि के बकरे बनाए जाते हैं। इससे सिद्ध होता है कि ऐसा व्यक्ति दूसरों के षड्यंत्रों का शिकार बनता है। अत: आवश्यक है कि अशुभ विचारों की परछाई तक मत पडऩे दो तथा पलायनवादी प्रवृृत्ति वालों से दूर रहें। पुरुषार्थी की बाहों में ही लक्ष्मी समाती है।

अंक 13
यह अंक ध्वंसात्मक शक्ति का प्रतीक है। यह अंक यह भी संकेत देता है कि व्यक्ति अपनी योजनाएं और स्थान परिवर्तन कब, कैसे करेगा, किसी को आभास तक नहीं हो पाता। कुछ प्राचीन लेखों में 13 के अंक के संबंध में

लिखा है, जो व्यक्ति 13 के अंक को समझ लेगा, उसे शक्ति, अधिकार और राज्य प्राप्त होगा। यह अंक कठिनाइयों, उतार-चढ़ाव और विनाश को दर्शाता है। यह शक्ति का प्रतीक है, लेकिन यदि उस शक्ति को गलत ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो वह स्वयं को नष्ट कर देगी। यदि किसी व्यक्ति की गणना में यह संयुक्तअंक आए तो यह अज्ञात और ऐसे कार्यों के होने की चेतावनी देता है, जिसकी आशा नहीं की जा सकती।

अंक 14
यह अंक प्रकृति की खतरनाक प्रवृत्ति जैसे आंधी, तूफान, भूकम्प, जल और अग्नि की आशंका प्रकट करता है। जुए, सट्टे, शेयर इत्यादि से धन संबंधी कार्यों के लिए यह अंक शुभ है, किन्तु दूसरों की गलती द्वारा भय की संभावना भी रहती है। व्यापार परिवर्तन के मामलों में शुभ और सौभाग्यशाली है। इस अंक वाले व्यक्ति को भावी घटनाओं के प्रति समझदारी और सतर्कता से काम लेना चाहिए अर्थात यह अंक एक चेतावनी है कि व्यक्तिसोच-समझ कर कदम उठाए।

अंक 15
यह अंक रहस्य भेद, मंत्र ( मंत्रणा, गोपनीयता) का प्रतीक है। अगर किसी के प्रसिद्ध नाम का यह अंक बनता हो तो उन्हें भाग्यशाली माना जाता है। दूसरों द्वारा धन मिलने के लिए भी यह अंक शुभ है। ऐसे व्यक्ति या तो स्वयं कलाकार होते हैं अथवा इनका सम्मान जांच की परिधि में आता है। आज के परिदृश्य में ऐसे व्यक्ति उन पदों पर कार्यरत भी देखे जा सकते हैं, जिन्हें पदीय सामथ्र्य के अनुसार आयकर की भाषा में अनुपातहीन सम्पत्ति जोडऩे के सुयोग मिल जाते हैं, फिर वे चाहे मंत्री या जन प्रतिनिधियों के परिजन हो या अधिकारियों के अन्तरंग कमीशन एजेन्ट, भी इसी की श्रेणी में आते हैं। यह अंक चमत्कारिक और अत्यंत महत्व का है। इस अंक से संबंधित व्यक्ति अपने कार्य व स्वार्थसिद्धि के लिए प्रत्येक कार्य करने को तैयार हो जाते हैं। आश्चर्य की बात है कि इस अंक का संबंध अच्छे वक्ताओं से होता है। उनकी वाणी में प्रभाव होता है। इस अंक के व्यक्ति संगीत और कला में निपुण होते हैं। और उनका व्यक्तित्व नाटकीयता पूर्ण एवं आकर्षक होता है। अन्य व्यक्तियों से धन, उपहार तथा कृपा या अनुग्रह प्राप्त कराने में यह अंक भाग्यशाली है।

अंक 16
यह अंक भयानक घटनाओं का प्रतीक माना जाता है। जो व्यक्ति इस अंक द्वारा प्रभावित होता है, वह काफी उन्नति करेगा, परन्तु अन्त में अद्य:पतन को भी पहुंचेगा। उनकी महत्वाकांक्षाएं पूर्ण नहीं होतीं। इन्हें अपने आपको दुर्घटनाओं से बचाना चाहिए। यह अंक व्यक्ति के जीवन में आने वाली संघातिक विपत्ति, दुर्घटना और योजनाओं में विफल रह जाने की चेतावनी का सूचक है। यदि भविष्य के संबंध में यह संयुक्तअंक निकलता है, तो व्यक्ति को भावी संकट से बचने के लिए अपनी योजनाएं पहले ही बना लेनी चाहिए।

अंक 17
यह अत्यधिक आध्यात्मिक अंक है। इसका चिह्न है अष्टाकोणी शुक्र, जिसे शान्ति और प्रेम का प्रतीक माना गया है। इसे मेजी का सितारा ईसा को लेने गए तीन फरिश्ते भी कहते हैं। इस अंक के संबंध में कहा गया है कि इस अंक वाला व्यक्ति अपने जीवन व व्यवसाय में आने वाली कठिनाइयों पर अपनी उत्कृष्ट भावना से विजय प्राप्त कर लेता है, उन पर काबू पा लेता है। इस अंक को अमरत्व का प्रतीक माना जाता है अर्थात व्यक्ति का नाम उसकी मृत्यु के बाद

भी अमर रहता है। यदि इसका संबंध मूलांक 4 और 8 से नहीं है, तो भावी घटनाओं के संबंध में इस अंक को सौभाग्यशाली माना जाता है। यह शुभ अंक है। इसे आत्मिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जिसके नाम का यह अंक बनता है, वे विपत्ति की पाठशाला में पढ़कर कठिनाइयों से जूझ कर अन्तत: मान, सम्पदा प्राप्त कर लेते हैं। इनके अवसान के बाद भी इनकी कीर्ति पताका फहराती है।

अंक 18
इस अंक को अशुभ माना है। यह कलह और शत्रुता को प्रकट करता है। जिनका यह अंक बनता है। ऐसा जातक गृह कलह एवं शत्रुओं की गतिविधियों द्वारा पीडि़त होता है। यदि किसी तारीख का संयुक्तांक 18 बनता हो तो किसी शुभ कार्य के लिए इसे प्रयुक्त नहीं करना चाहिए यथा- 9 अप्रैल 2012 का यह अंक बनेगा 9 4 2 0 1 2-18 यह अंक भौतिकता का प्रतीक है और इसका अर्थ है कि यह अंक व्यक्ति के स्वाभाविक आध्यात्मिक पक्ष को नष्ट करना चाहता है। सामान्यतया इस अंक से संबंधित व्यक्ति झगड़ों में फंसे होते हैं। ये झगड़े पारिवारिक भी हो सकते हैं, कुछ मामलों में इस अंक से संबंधित व्यक्तियुद्ध अथवा युद्धों द्वारा धन-दौलत अथवा ऐसी स्थिति प्राप्त करता है। यह दूसरे व्यक्तियों द्वारा गद्दारी व धोखाधड़ी के प्रति चेतावनी का भी सूचक है। यदि इस अंक वाले जातक विद्युत संयंत्रों अथवा गोला बारूद या घातक रसायनों अथवा भूगर्भीय खदानों में कार्यरत हों, तो  उन्हें अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान देना चाहिए।

अंक 19
इस अंक को सौभाग्यशाली और अनुकूल माना गया है। इसे सूर्य का प्रतीक माना जाता है और स्वर्ग का शहजादा कहा जाता है। यह अंक प्रसन्नता, सफलता तथा आदर, सम्मान के साथ भविष्य की योजनाओं की सफलता के लिए संकेत करता है। जिनका यह अंक बनता है, वे सम्माननीय व्यक्ति अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त करने में समर्थ होते हैं। आपकी एक छोटी से छोटी कोशिश बड़ी से बड़ी बुराई को मिटा सकती है।

अंक 20
इस अंक को जागृति के साथ विवेक सहित निर्णय का अंक भी कहा जाता है। इस अंक की व्याख्या बहुत अद्भुत है। जागृति का अर्थ है, किसी नए ध्येय, नई योजना अथवा नई इच्छा का उत्पन्न होना और उसे कार्य रूप में परिणित करना, परन्तु यह सब किसी महान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, कर्तव्य समझ कर की जाने वाली बातें हैं। इस अंक का भौतिकता से कोई संबंध नहीं। अत: इसमें सन्देह है कि इस अंक को सांसारिक सफलताओं का प्रतीक माना जाए। यदि इस अंक को भावी घटनाओं के संदर्भ में देखा जाए तो प्रकट होता है कि उसमें देरी होगी, रुकावटें आएंगी, परन्तु उन कठिनाइयों का मुकाबला केवल आध्यात्मिक पक्ष को सुदृढ़ करके ही किया जा सकता है।

अंक 21
यह शुभ अंक है,  जिसका यह अंक बनता है वह जीवन में उन्नति, मान प्रतिष्ठा एवं उच्च पद प्राप्त करते ही हैं। भले ही कितना संघर्ष करना पड़े। प्रश्न में यदि यह संख्या आए तो निश्चित ही कार्य में सफलता का संकेत है। इस अंक को ब्रह्माण्ड के चित्र द्वारा प्रकट किया जाता है, और इसे ÓÓमेजीÓÓ का मुकुट भी कहा जाता है। यह अंक जीवन में उन्नति करने, आगे बढऩे, श्रेष्ठता प्राप्त करने और सामान्य रूप से सफलता का प्रतीक है। इस अंक का अर्थ है दीर्घकालीन संघर्ष के बाद सफलता की प्राप्ति। मेजी का मुकुट लम्बे समय तक दृढ़ निष्ठा के परीक्षण के बाद ही प्राप्त होता है। भावी घटनाओं के संदर्भ में यह अंक उनमें सफलता की आशा का प्रतीक है।

अंक 22
जिसके नाम का यह अंक हो वह अच्छा आदमी है परन्तु स्वप्न संसार में विचरण करता रहता है। ख्याली पुलाव पकाता रहता है। अपने सपनों को साकार होते देखने की आशा में समय बर्बाद करता रहता है। जब मुसीबत मुंह बांये सामने खड़ी होती है, तो चौंकता है। उसके द्वारा बनाई गई धारणाएं भी गलत होती हैं। यह अंक उन व्यक्तियों के लिए चेतावनी का प्रतीक है जो गलतफहमी के कारण कल्पना लोक में रहते हैं। ऐसा व्यक्ति तभी जागता है, जब वह विपत्तियों से घिर जाता है तथा अन्य लोगों के प्रभाव में आकर गलत निर्णय ले लेता है।

अंक 23
इस अंक को ÓÓसिंह का शाही सिताराÓÓ कहते हैं। यह अंक सफलता, अपने से अधिक समर्थ व्यक्तियों से सहायता और उच्चाधिकारियों से संरक्षण का संकेत देता है। भावी घटनाओं और योजनाओं की सफलता के प्रति यह अंक आशाप्रद समझा जाता है।  जिसके नाम का यह संयुक्तांक बने वे जीवन में सफलता एवं उच्च पद पा लेते हैं। परन्तु यह उनके स्वयं के प्रयासों द्वारा संभव न होकर उच्च पदस्थ अधिकारियों या इनसे श्रेष्ठ पुरुषों की कृपा से होता है।

अंक 24
यह अंक भी सौभाग्यशाली है। इस अंक में व्यक्ति को अपने काम की सफलता और पूर्ति के लिए अधिकार प्राप्त व्यक्तियों से सहायता मिलती है और यह अंक यह भी दर्शाता है कि विपरीत योनि अर्थात पुरुष हो तो स्त्री से और यदि स्त्री हो तो पुरुष के प्रेम से लाभ होगा। भावी घटनाओं के संबंध में यह अंक अनुकूल रहता है। यह अंक शुभ है। प्रश्न में यह अंक आए तो शुभ फल का द्योतक है जिनके नाम की यह संख्या बनती है वे अपने कार्यों में अपने निकट के व्यक्तियों की सहायता प्राप्त कर लेते हैं।

अंक 25
यह अंक शक्तियों और व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को देखने से प्राप्त होने वाले अनुभवों का सूचक है। वास्तविक रूप से इस अंक को सौभाग्यशाली नहीं माना जाता, क्योंकि इस अंक वाले व्यक्ति को सफलता प्रारंभिक जीवन में कठिनाइयों और संघर्षों के बाद ही प्राप्त होती है। भावी जीवन के संबंध में यह अंक अनुकूल माना जाता है।

अंक 26
यह अंक भविष्य के प्रति भयंकर आशंकाओं से परिपूर्ण है। यह अंक अन्य व्यक्तियों के कारण विपत्तियों और सट्टेबाजी से विनाश का इशारा करता है। दूसरे लोगों से साझेदारी, गलत संगति और गलत परामर्श से हानि की संभावना को दर्शाता है। यदि यह अंक भावी घटनाओं से संबंधित हो, तो व्यक्ति को सोच समझकर ही अपने मार्ग का निर्धारण करना चाहिए। ये शुभ अंक नहीं है। जिसके नाम का यह अंक हो, उसे जुए, सट्टे साझेदारी से एवं विवाह से धन हानि होने की आशंका होती है। अन्य लोग भी इसके लिए कष्टदायी एवं विपत्तिदायक होते हैं।

अंक 27
यह अच्छा अंक है और इसका प्रतीक राजदण्ड यानि सत्ता से अधिकार को दर्शाने वाला दण्ड है। यह अधिकार, शक्ति और आज्ञा का संकेत देता है। यह अंक प्रकट करता है कि व्यक्ति को क्रियात्मक बुद्धिमत्ता से फल की प्राप्ति होगी अर्थात व्यक्ति को भौतिक शक्तियों या गुणों के कारण उसे अच्छे फल प्राप्त होंगे। इस अंक वाले व्यक्तियों को अपने विचारों के अनुरूप ही कार्य करने चाहिए।
यह अंक भावी योजनाओं के संबंध में भी सौभाग्यशाली माना जाता है। यह अंक शासन एवं उच्चाधिकारियों का प्रतीक है। जिस जातक के नाम का ये अंक बने, वे यदि अपने स्वयं के विचारों पर चलकर अपने निर्णयों को कार्यान्वित करें तो सफलता प्राप्त कर सकते हैं। भविष्य विषयक प्रश्न में यह संख्या शुभ मानी गई है।

अंक 28
यह अंक विरोधाभाषों से पूर्ण तथा इस बात का संकेत देता है कि अच्छी संभावनाओं वाले व्यक्तियों से भी सब कुछ छिन जाता है, यदि वह भविष्य का भली प्रकार ध्यान नहीं रखता। यह अंक इस बात की ओर भी इशारा करता है कि अन्य लोगों में विश्वास, व्यापार में कई मुकाबले और विरोध एवं कानून द्वारा हानि हो सकती है और व्यक्ति को बार-बार जीवन के मार्ग पर आरंभ से चलना पड़ सकता है अर्थात उसे बार-बार नया जीवन शुरू करना पड़ सकता है। इस संख्या को भी विशेष शुभ नहीं माना गया है, जिसके नाम का यह अंक बने वे अपने कार्यों द्वारा अधिक सफलता की आशा कर सकते हैं, यदि सावधान रहे तो, अन्यथा निराशा ही हाथ लगेगी। इनको वाद-विवाद अन्य न्यायालयीन आदेश, मुकदमे, प्रतिस्पर्धा आदि के कारण व्यापार में घाटे की आशंका होती है। इनके विश्वास को ठेस लगती है। प्रश्न में इस संख्या के शुभ परिणाम ही सामने आते हैं।

अंक 29
भावी घटनाओं के संबंध में यह अंक सौभाग्यशाली नहीं है। यह अंक अनिश्चितता, विश्वासघात और दूसरे लोगों से ठगे जाने का सूचक है। इस  अंक वाले व्यक्ति को मुकदमों, संकटों और असंभावित विपत्तियों का डर रहता है। उसे अविश्वासी मित्रों और लिंग भेद वालों से धोखा और दु:ख हो सकता है। भावी घटनाओं के बारे में यह अंक भयंकर चेतावनी देता है। यह अशुभ संख्या है। जिसके नाम का यह अंक बनता हो वे अस्थिर मति अपने विचारों को बार-बार बदल देते हैं। इनकी कोई निश्चित स्थिति नहीं होती। इनके मित्र भी धोखेबाज एवं अविश्वासी होंगे और उनके द्वारा कष्ट और भय की आशंका बनी रहेगी। अगर यह संख्या किसी पुरुष के नाम की है, तो स्त्री द्वारा वह धोखा खाता है, ठगा जाता है। अगर स्त्री के नाम की यह संख्या है, तो उसे पुरुष द्वारा उपरोक्त फल भोगने पड़ते हैं।

अंक 30
यह अंक सोच समझ कर परिणामों पर पहुंचने, पुनरावलोकन तथा अपने साथियों पर बौद्धिक श्रेष्ठता का द्योतक है। इस अंक का संबंध पूर्णतया बौद्धिक पक्ष से होता है, परन्तु जिन लोगों का इस अंक से संबंध है, वे सभी भौतिक वस्तुओं को एक पक्ष में रखते हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि वे ऐसा करने के लिए विवश होते हैं, परन्तु इसलिए कि वे ऐसा स्वयं चाहते हैं। इसी कारण से यह अंक न तो सौभाग्यशाली कहा जा सकता है और न भाग्यहीन, क्योंकि सब कुछ व्यक्ति के बौद्धिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। यह अंक शक्तिशाली सिद्ध हो सकता है, लेकिन व्यक्ति की इच्छा अथवा इरादों  के कारण प्राय: ऐसा हो नहीं हो पाता। भौतिक दृष्टि से यह अंक शुभ नहीं माना गया, क्योंकि जिनके नाम का यह अंक बनता है, ये धन संचय करने की बजाय विद्या संचय की

ओर अधिक ध्यान देते हैं। वे कुशाग्र बुद्धि एवं अत्यंत प्रतिभाशाली होते हैं। इन्हें इसी कारण अर्थाभाव बना रहता है।

अंक 31
यह अंक बहुत कुछ 30 जैसा है। अन्तर केवल इतना है कि अंक का प्रतिनिधि अपने आप में सीमित एकांकी तथा दूसरे लोगों से अलग थलग होता है। सांसारिक अथवा भौतिक दृष्टिकोण से भी यह सौभाग्यशाली अंक नहीं है। कवि, साहित्यकार अथवा कला क्षेत्र से जुड़े अधिकांश व्यक्ति आर्थिक साधनों के संचय में लापरवाह होते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो मां सरस्वती की कृपा तो जीवनपर्यन्त बनी रहती है, किन्तु धन की देवी लक्ष्मी जी ऐसे जातकों से थोड़ी सी दूरी बना कर चलती है, याचक तो नहीं होते, किन्तु दानशीलता का भाव होने पर भी मौन रहते हैं। भौतिक दृष्टि से यह अशुभ संख्या है, ये एकांकी जीवन बिताने के इच्छुक रहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ऐसे व्यक्ति अन्तर्मुखी होते हैं। उच्चकोटि के वैज्ञानिक अथवा साधक होते हैं। इनका सच्चा सुख एवं नई नई खोजे, उत्तम साहित्य की रचना अथवा आध्यात्मिकता की त्रिवेणी में गोते लगाना।

अंक 32
यह अंक 5 अथवा 14 या 23 के समान जादू के जैसा प्रभाव वाला है। यह प्राय: व्यक्तियों के समूह या राष्ट्रों से संबंधित होता है। यदि इस अंक वाला व्यक्ति अपने निर्णय और विचारों पर दृढ़ रहे तो यह अंक 31 के लिए भी सौभाग्यशाली होता है। यदि ऐसा न हो तो उस व्यक्ति की योजनाएं, दूसरे लोगों की मूर्खता या हठधर्मी से नष्ट हो जाती है। यदि इसका संबंध भविष्य की घटनाओं से देखा जाए, तो यह अनुकूल मालूम होता है। यह संख्या शुभ मानी गई है। समुदाय, व्यक्ति अथवा राष्ट्रों की प्रतीक संख्या है। जिसके नाम की यह संख्या बनती है। उन्हें चाहिए कि वे दूसरों की जिद अथवा गलत सलाह को मान्यता न देकर अपने स्वयं की योजनाओं एवं विचारों पर अमल करें, इससे वे विशेष सफलता पा सकेंगे। अपने जीवन के प्रश्न में भी ये शुभ संख्या है।

अंक 33
यह भाग्यशाली अंक है। जिस जातक के नाम का संयुक्तांक 33 बनता हो वे अपने मातहत अधिकारी अथवा कर्मचारियों, संबंधितों तथा परिचितों से अपना कार्य करवाने में सिद्धहस्त होते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए कि ऐसे जातक स्वयं अधिकार युक्त होकर दूसरों से अपनी इच्छानुसार काम करवाने में समर्थ होते हैं।

अंक 34
यह अंक माथे की लकीरों को भाग्य में बदलने की सामथ्र्य तो रखता है, किन्तु जीवन के प्रारंभ में सोने की तरह तपा कर शुद्ध करता है। संघर्ष की गाथा लिखते लिखते जातक को प्रशासनिक अथवा राजनैतिक क्षेत्र में शक्ति सामंत बनवाने में सहयोगी होता है। ऐसा जातक स्वयं के अनुभवों और दूसरों के तौर तरीके देखकर अनुभव सिद्ध होकर प्रगति करता है।

अंक 35
संभल कर रहें, 35 संयुक्तांक के जातक विवाह हो या बीमारी, राजनैतिक बुखार हो या प्रेम रोग, सभी क्षेत्रों में पराजित होने का भय बना रहता है। पार्टनरशिप में व्यवसाय हानिप्रद हो सकता है। आपदाएं, विपदाएं झंझाएं इनके, जीवन को कष्टपूर्ण बनाने में सहभागिनी बनती हैं। व्यापारिक क्षेत्रों में कार्यरत

व्यक्ति यदि सोच-समझकर निर्णय लेंगे, तो हानिप्रद स्थितियां कम बनेंगी। मनोवैज्ञानिक फ्र ायड के शब्दों में - '' बाद में ही पता लगता है कि बात करने वाला कैसा है ? बात चरित्र और स्वभाव का दर्पण है।

अंक 36
इस अंक वाले जातक इतरा सकते हैं, अपने भाग्य पर। चमत्कारी हैं, यह अंक। जिसके नाम का संयुक्तांक 36 हो तो सत्ता के गलियारों में अपनी चमक से जुड़े जातक ऐश्वर्य की देवी के सदैव कृपा पात्र बने रहते हैं। प्रशासनिक अथवा राजनैतिक क्षेत्रों से जुड़े जातक अपनी प्रतिभा तथा अपनी बौद्धिक क्षमता से शक्ति सामंतों की कतार में खड़े नजर आएंगे। समाजसेवा से जुड़े व्यक्तित्व समाज के प्रेरणास्रोत होते हैं।

अंक 37
यह अंक शुभ है। 37 संयुक्तांक वाले जातक शक्तिके प्रतीक होते हैं। चतुर चाणक्य की तरह व्यवहार करते हैं, अपने कार्य क्षेत्रोंं, चिकित्सा, इंजीनियरिंग  अथवा न्याय के क्षेत्र से जुड़े जातक अपनी कार्य प्रणाली से पद, सम्मान, के साथ साथ आर्थिक दृष्टि से भी सम्पन्न होते देखे गए हैं। भाग्य की देवी ऐसे व्यक्तियों पर सदैव कृपा बनाए रखती है। महान दार्शनिक सुकरात के शब्दों में -'' जब कोई तुम्हारी स्तुति या निंदा करें, तो बहरे बन जाओ।ÓÓ    

अंक 38
इस अंक वाले जातक सावधान एवं सतर्क  रहें, अपने अपने कार्य क्षेत्रों में, अन्यथा कलह  एवं भय अथवा ठगे जाने से मन व्यथित हो सकता है। किन्तु नीर, क्षीर विवेक की कार्यशैली में दु:ख और परेशानियां दूर से ही आपको प्रणाम करती नजर आएंगी। नये मित्रों और पुराने शत्रुओं पर एकाएक विश्वास न करें अन्यथा हानि और भय की आशंका रहेगी। हर व्यक्ति में प्रतिभा  होती है। पहचाने नहीं, तो इसमें किसका दोष। आचार्य अष्टावक्र के शब्दों में - '' छोटी छोटी बातों को प्रतिष्ठा मान कर प्रतिष्ठा का मूल्य कम न करें।ÓÓ

अंक 39
यह अंक निश्चित फल देने वाला है। इस संयुक्तांक वाले जातक आर्थिक परेशानियों में जीवनपर्यन्त घिरे रहते हैं। धन योग की अपेक्षा विद्या योग प्रबल रहता है, इस अंक वाले जातकों का। ये कुशाग्र बुद्धि एवं अत्यंत प्रतिभाशाली होते हैं। अपने बौद्धिक चातुर्य से राजनैतिक एवं प्रशासनिक गलियारों में अपनी धाक जमाने में सफल रहते हैं। समाज सेवा से जुड़े जातक सम्मानजनक स्थिति में रहते हैं, पद-प्रतिष्ठा इन्हें ईस्वरीय कृपा से सहज सुलभ होती है। इनकी मित्र मण्डली का दायरा विस्तृत रहता है। यदा-कदा अर्थाभाव इनकी सोच को अस्थायी रूप से भले बदल दें, किन्तु इनका व्यक्तित्व समाज के लिए सदैव अनुकरणीय रहता है।

अंक 40
इस अंक वाले जातक अन्तर्मुखी वृत्ति वाले होते हैं। एकला चल के सिद्धान्तों के अनुगामी होते हैं। शिक्षा, चिकित्सा तथा व्यापार जगत से जुड़े व्यक्ति कु छ रहस्यमयी प्रकृति के भी होते हैं। इनके दिल की बात सहज रूप में कोई दूसरा जान नहीं पाता। दूसरों के मामलों में भी ये तटस्थ रहते हैं। इनमें एक अच्छा गुण यह रहता है कि ये बिना मांगे सलाह नहीं देते। महारथी कर्ण के अनुसार ÓÓभाग्य से बड़ा कर्म है।ÓÓ यूनानी के महान दार्शनिक अरस्तु के शब्दों में ÓÓकर्म की जय हो, अकर्मण्य का मैं मुंह नहीं देखना चाहता।

अंक 41
यह संयुक्तांक भी भाग्य की शक्ति को प्रदर्शित करता हैं। जिनके नाम की ये संख्या बनती हो उन्हें चाहिए वे अन्यों के सलाह मशविरा को ध्यान न देकर अपने स्वयं के विचारों तथा योजनाओं पर कार्य करें। जो जातक ÓÓनीर क्षीर विवेकÓÓ के अनुसार कार्य करते हैं उन्नति उनके चरण चूमती है। सफलताएं उनके द्वार पर दस्तक देती है। महान दार्शनिक प्लेटो के शब्दों में- तुम्हारा कार्य ही तुम्हारा मूल्यांकन कराता है।ÓÓ

अंक 42
यह संयुक्तांक विश्वास का परिचायक है। एक अच्छे मित्र और सलाहकार का ंअंक है। ऐसे जातक सफल उद्यमी, चतुर राजनीतिज्ञ अथवा दूरदर्शी प्रशासक होते हैं। मित्रों में ये जल्दी लोकप्रिय हो जाते हैं। दूसरों से काम निकालने में ये चतुर होते हैं। किन्तु इस संयुक्तांक वाले जातक आर्थिक पक्ष को संभालें अन्यथा खर्चीलापन आपको ऋ णी बना सकता है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही भी इस अंक वाले जातकों के लिए सुखद नहीं है। चाणक्य के शब्दों में ÓÓछोटे छोटे कार्य करते करते मनुष्य महान बन जाता है।ÓÓ

अंक 43
बाधाकारक है, यह अंक। जिनके नाम का यह अंक बनता है, उन्हें जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। बाधाएं - चाहे पारिवारिक पृष्ठभूमि की हों अथवा कार्यक्षेत्र की, इनका अनवरत पीछा करती रहती हैं। किन्तु बड़े जीवट वाले होते हैं, 35 अंक के जातक । विदुर नीति में कहा गया है - ÓÓ दूसरों के गुण देखो, अवगुण नहीं।ÓÓ  कहने का अर्थ है- अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहो, सफलताएं आपके जीवन पथ पर प्रकाश स्तम्भ के रूप में नजर आएंगी। चार्वाक के शब्दों में - ''निरन्तर चलने वाले ही मंजिल पाते हैं। ÓÓ

अंक 44
यह संयुक्तांक जीवन में संघर्ष का प्रतीक है। आपत्ति और विपत्तियां इस अंक वाले जातक की तब तक सहचरी बनी रहती हैं, जब तक जातक संघर्षमय कर्म का आशा-दीप'' अपनी भावना में साकार नहीं कर लेते। इस अंक वाले जातक दृढ़ संकल्पित होकर जब कर्तव्य पथ पर चल पड़ते हैं, तो रंक से राजा और राजा से महाराजा बनते देर नहीं लगती। कार्ल माक्र्स के शब्दों में -'' जिसके सिर पर छप्पर नहीं होता, सभी उसे फटकारते हैं। महल वालों को कोई आंख उठा कर भी नहीं देखता।ÓÓ

अंक 45
यह संयुक्तांक सत्ता और महत्वांकाक्षाओं का प्रतीक है। बाधाओं, संकटों एवं तकलीफों में भी इस अंक वाले राह निकाल लेते हैं। साधारण कुल में भी जन्म लेकर विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करते करते अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति में सफल होते देखे गए हैं। इस संयुक्तांक वाले व्यक्ति भाग्य के धनी होते हैं, इसमें सन्देह नहीं । आचार्य चाणक्य के शब्दों में - दंड का प्रयोग भले ही न करो, पर हाथ में लिए रहो। लोगों में भय बना रहेगा।

अंक 46
यह अंक भाग्यशाली अंक है। जिन लोगों के नाम का संयुक्तांक 46 होता है, उनके जीवन में अचानक ही ऐसी घटनाएं घट जाती हैं? जिनके द्वारा इनके सामने सफलता के द्वार खुल जाते हैं। ऐसे जातक कोई भी कार्य बड़े सुरुचिपूर्ण ढंग से करते हैं। इसी कारण लोग इसकी प्रशंसा करते हैं और इनका यश हर

जगह फैल जाता है। जीवन क्षेत्र में यह अंक शुभ माना जाता है। मार्क ट्वेन ने अपनी पत्नी को श्रद्धांजलि देते हुए एक बार कहा था,'' वह जहां भी थी, वहीं स्वर्ग था।ÓÓ भावार्थ है कि एक दोस्त जैसी शुभकामना से ज्यादा जिन्दगी के पास और कुछ नहीं है।ÓÓ

अंक 47
यह अंक अनिश्चित स्थिति का प्रतीक है। जो जातक इस अंक से संबंधित होते हैं,  उनके जीवन में कब, किस तरह की आकस्मिक घटना घट जायेगी, इसका इन लोगों को कोई आभास नहीं रहता । ऐसे व्यक्ति अत्यंत साधारण जीवन व्यतीत करते देखे गये हैं। इसके विपरीत बहुत से लोगों को उच्च पद पर आसीन होकर जिम्मेदारी का कार्य करते भी देखा गया है। इसलिए इस अंक को अनिश्चित  स्थिति का प्रतीक माना गया है। महान दार्शनिक सुकरात के शब्दों में - ''अपनी बराबरी किसी से न करो। अपना अलग अस्तित्व बनाये रखो। ÓÓ

अंक 48
यह अंक तीव्र  मानसिक शक्ति का परिचायक है। जिन लोगों के नाम का यह संयुक्तांक होता है, उनमें दूरदर्शिता, गहरी सूझबूझ और व्यवहारिक कुशलता होती है। इन्हीं गुणों के आधार पर ऐसे लोग समाज में अपना अलग और महत्वपूर्ण स्थान बनाने में सफल होते है। वैसे आर्थिक रूप से ऐसे जातक यदाकदा असफल होते देखे गए हैं। विदुर नीति कहती है-''यश प्राप्त कर लेना सरल है, पर बचाये रखना बहुत कठिन है।ÓÓ

अंक 49
जिन लोगों के नाम का संयुक्तांक 49 होता है, वे जीवन की कठिनाईयों एवं संघर्षों  में बहुत जल्दी हार मान जाते हैं। इनकी यही कमजोरी इन्हें जीवन में एकाकी और अन्तर्मुखी बना देती है। ऐसे लोग बहुत कम बोलते हैं। किसी प्रकार के उत्सव आदि में कम सम्मलित होते हैं । ऐसे लोगों के मित्रों की संख्या कम होती है। अपने कार्य की सिद्धि न होने तक वे विद्रोही समझे जाते हैं। ऐसे जातक परम्परागत नियमों के विरुद्ध  होते हैं। दूसरे शब्दों में कहें कि ये समाज से संबंधित प्रश्नों के प्रति सुधारवादी होते हैं। प्रसांगिक है - जिसे आप बदल सकते हैं, उसे बदल दीजिए और जिसे नहीं बदल सकते, उसे स्वीकार कर लीजिए। अगर आपको आलोचना भी करनी है, तो प्यार से कीजिए।

अंक 50
यह अंक कल्पना शक्ति का प्रतीक है। जिन व्यक्तियों के नाम का संयुक्तांक 50 होता है, वे लोग सहनशील, भावुक एवं कल्पना प्रिय होते हैं। ऐसे लोग यर्थाथ जगत से दूर सदैव कल्पना में ही विचरण करना चाहते हैं। इसके साथ इस अंक में एक जबरदस्त कमी होती है। इन लोगों में स्थिरता बिल्कुल नहीं होती। इसीलिए ये लोग सदैव मानसिक अशान्ति से घिरे रहते हैं, और जीवन की समस्याओं से कभी मुक्ति नहीं पाते । प्रासांगिक है: नेपोलियन बोर्नापार्ट जानता था कि अपनी शक्तियों को दुश्मन के सबसे कमजोर हिस्से पर केन्द्रित करना, कितना महत्वपूर्ण है - यही युद्ध के मैदान में उसकी सफलता का रहस्य था।


अंक 51
यह अंक शक्ति का प्रतीक है। इस अंक से योद्धा प्रवृत्ति एवं विजय की सूचना मिलती है। ऐसा व्यक्ति, जो भी कार्य करता है, उसमें सफलता प्राप्त होती है। सैनिकों के लिए यह संयुक्तांक विशेष शुभ माना जाता है। नेताओं के लिए भी यह अंक शुभ है। लेकिन एक ओर जहां संघर्ष की दृष्टि से यह अंक शुभ है वहीं दूसरी ओर यह भी निश्चित है कि इस अंक से संबंधित व्यक्ति के शत्रु भी बहुत होते हैं। लेकिन व्यक्ति परवाह न करते हुए अपने जीवन पथ पर आगे बढ़ता जाता है।
ÓÓअक्ल सुनने - पढऩे से नहीं आती, ठोकरे खाने के बाद आती हैÓÓ - यूनानी दार्शनिक- सुकरात।

अंक 52
यह संख्या जीवन में पराजय एवं परेशानियों की सूचक है। इस संयुक्तांक को शुभ नहीं समझा जाता। ऐसे व्यक्तियों के नसीब में सुख -चैन से बैठना नहीं होता। जीवन में जो भी काम करता, उसी में असफलता मिलती है और लगातार की असफलताओं से ऐसा व्यक्ति थक जाता है, हार जाता है और जिन्दगी की गाड़ी को किसी तरह घसीटता रहता है। शक्ति हमेशा परिवर्तनशील होती है। अत: संघर्षों के तदोपरान्त विजयश्री अथवा आकांक्षाओं की पूर्ति के प्रति आशावान  रहना चाहिए। नारद संहिता के अनुसार - तुम्हारे पांव में ताकत है, तुम कहीं भी खड़े हो सकते हो।ÓÓ रूस के महान साहित्यकार टालस्टाय के शब्दों में '' मैंने उससे पूछा, तुम्हारी पूंजी क्या है ? उसने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए । शब्दार्थ है '' कर्म ही पूजा है।ÓÓ

अंक 53
यह अंक उन्नति का सूचक है। जिस व्यक्ति के नाम का संयुक्तांक 53 होता है, वह गुप्तचर का काम बहुत सफलतापूर्वक कर सकता है। ऐसा व्यक्ति सैनिक संचालन भी बहुत कुशलतापूर्वक कर सकता है। वास्तव में यह अंक रहस्य का प्रतीक है। कोई भी गहरी से गहरी बात वे अपने मन में छिपाने में सफल होते हैं। इनकी बात तक तब कोई नहीं जान सकता, जब तक वे स्वयं न बता दें। इनमं एक विशेषता यह भी होती है कि इनके चेहरे को देख कर कोई भी नहीं जान सकता कि इनके मन में क्या है। प्रासांगिक है, चाणक्य का कथन - '' भीड़ से चलता है जो अलग। वही सबका ध्यान आकर्षित करता है। इस अंक के जातक शेखसादी के शब्दों पर भी ध्यान दें - ''जिन्दगी के हर मोड़ पर दुश्मन खड़े हैं। संभल कर चलो।ÓÓ

अंक 54
यह अंक विद्वता का सूचक है। ऐसा व्यक्ति विद्वान, वक्ता तथा धनी होता है और लोगों में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति में बोलने की तथा तर्क देने की अभूतपूर्व शक्ति होती है। जिसके कारण शत्रु पक्ष भी इनकी ओर झुक जाता है। और इनकी बात मानने को विवश होता है। ऐसे व्यक्ति अपनी आत्मशक्ति द्वारा ख्याति एवं सम्मान में वृद्धि करते हैं।  जार्ज बनार्ड शॉ के शब्दों में - ''स्त्री की शोभा लचक में, बड़े की शोभा अकड़ में है। शिक्षा सभ्यता की जननी है। ÓÓ

अंक 55
यह अंक नेतृत्व का प्रतीक है। जिस व्यक्ति के नाम का संयुक्तांक 55 होता है , वह तीव्र बुद्धि का होता है, लोगों का नेतृत्व करने की उसमें अपूर्व शक्ति होती है। ये लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इनकी मानसिक शक्ति विलक्षणता से परिपूर्ण होती है, इसलिए किसी बात में ये तुरन्त और सही निर्णय ले लेते हैं। सामाजिक परिवर्तन लाने में ऐसे लोग अग्रणी होते हैं। ग्रीक समुद्री देवता प्रोटियस के अनुसार - '' विद्वानों के बीच विद्वान बने, संतो ंके बीच में संत। यह सबका दिल जीतने की कला है। गम्भीर या मजाकिया व्यक्ति की बातों का उन्हीं के अन्दाज में जवाब दें।ÓÓ

अंक 56
यह अंक शुभ और अशुभ दोनों का मिश्रण है। ऐसा व्यक्ति सौभाग्ययुक्त होता है और दूसरों पर नेतृत्व करने की चेष्ठा भी करता है। परन्तु कई बार इसके क्रिया-कलाप निकृष्ट प्रकार के होते हैं। ऐसा व्यक्ति घबड़ाया हुआ सा , बेचैन रहता है। ऐसे व्यक्तियों को चाहिए कि अपने मानसिक आवेश पर सन्तुलन रखें। विश्वविख्यात लेखक खलील जिब्रान लिखित पुस्तक - '' दि अर्थ गॉड्सÓÓ के शब्दाशों में ÓÓ इंसान के यश का नक्षत्र उस समय उदित होता है, जब देवताओं के पवित्र ओंठ उसके जीवन को चूमते हैं।ÓÓ बचपन का भोलापन, जवानी  के मधुर हर्षोन्माद, दृढ़ पौरुष  की तीव्र  प्रेम भावनाएं और बुढ़ापे की बुद्धिमत्ता, राजाओं का वैभव, योद्धाओं की विजय, कवियों की ख्याति, ध्यानियों और संतों का सम्मान, जो इनमें हैं, वह इन्सानों का आनंदमय भोग है।ÓÓ

अंक 57 -
यह अंक कार्य एवं व्यवहार कुशलता का प्रतीक है। ऐसा व्यक्ति खुश मिजाज होता है और अपने व्यवहार से बहुत जल्दी दूसरों को अपना बना लेता है।  ऐसा व्यक्ति जिस क्षेत्र में होता है -चाहे वह नौकरी में हो, या व्यवसाय - उसमें अवश्य सफलता प्राप्त करता है।  ऐसे लोग कभी निष्क्रिय नहीं बैठ सकते । हर समय कुछ न कुछ करते रहना - इनका विशेष गुण होता है, और इसी कारण जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ये लोग सफलता प्राप्त करते हैं। स्वामी विवेकानंद के शब्दों में - ''संकल्प शक्ति से हथेली पर हिमालय उठा सकते हो।

अंक 58
इस अंक वाले जातक अच्छे चिकित्सक होते हैं। ऐसे लोग खुले और स्पष्ट विचार एवं व्यवहार वाले होते हैं। ऐसे लोग दोहरे व्यक्तित्व  वाले नहीं होते । जो इसके मन में होता है, उसे ही यह कहते हैं, और वैसा ही व्यवहार करते हैं। दुराव -छिपाव इनके स्वभाव के विपरीत होता है।  इनके इसी स्पष्ट खुले व्यवहार के कारण जहां इनके मित्रों की संख्या बहत होती है, वहीं शत्रुओं  की संख्या भी कम नहीं होती । ऐसे व्यक्ति सौम्य, सरल, निष्कपट एवं सहृदय होते हैं। दूसरों से अपनत्व भरा मधुर व्यवहार करते हैं।  चाणक्य नीति के अनुसार: '' कुमित्र पर कदापि विश्वास न करें, क्योंकि कुमित्र नाराज होने पर आपकी सारी पोल खोल देगा।ÓÓ

अंक 59
इस अंक वालों को जीवन में बहुत संघर्ष देखने पड़ते हैं। लेकिन हर संघर्ष में अन्तिम विजय संयुक्तांक 59 वालों की ही विजय होती है। ऐसा व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करता है और यात्राएं  भी बहुत करता है। यात्राएं भी लाभकारी होती हैं। ऐसे लोग बैंकिंग, या दलाली का कार्य करें, तो विशेष सफलता प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इन लोगों में बेईमानी की प्रवृत्ति होती है। इसलिए खतरा बना रहता है। ऐसा व्यक्ति प्राय: सफल और दीर्घजीवी होता है।  जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए ये लोग हर प्रकार के हथकंडे अपनाते हैं। झूठ, कपट, धोखाधड़ी, बेईमानी, सट्टा आदि कार्यों में संलग्न रहते हैं । इनका उद्देश्य धन संग्रह करना होता है।  पापी को पुण्य, पुण्यात्मा को पाप दिखलायी नहीं पड़ते। - चार्वाक

अंक 60
यह अंक प्रसन्नता का सूचक है। हर परिस्थिति में मुस्कराते रहना, संयुक्तांक 60 वालों की विशेषता है । ये लोग स्वयं हंसते मुस्कराते हैं, बल्कि दूसरों को भी खुश रखना  अपना कर्तव्य समझते हैं। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी इनके होठों की मुस्कराहट समाप्त नहीं होती ।  ऐसे व्यक्ति चिकित्सा, देश सेवा, समाज सुधार जैसे कार्यों  में पूर्ण सफल होते हैं। आचार्य चाणक्य के शब्दों में -''सेवा के अवसर पर सेवकों की, दुख के समय बन्धुओं की, आपत्ति काल में मित्रों की, धन हानि होने पर पत्नी की परीक्षा होती है।
अंक 61
जिनका संयुक्ताक 61 होता है। ऐसे व्यक्ति आत्मसंयमी होते हैं। कम बोलते है और शान्ति प्रिय होते हैं। हालांकि ऐसे व्यक्तियों को जीवन के प्रारंभिक वर्षो में भयानक कष्ट एवं संघर्ष का सामना करना पड़ता है किन्तु लगातार जूझते रहने के बाद अन्त में अपनी मंजिल पर पहुॅचने में ये लोग सफल हो जाते हैं। ऐसे जातक अपने लक्ष्यों तक पहुॅचने के लिए दूसरों की समझदारी, ज्ञान और मेहनत का इस्तेमाल करते हैं ऐसे जातकों की गिनती सफल लोगों में होती है। विदुर नीति: यश प्राप्त कर लेना सरल है, पर बचाये रखना कठिन है।

अंक 62
जिस व्यक्ति के नाम का संयुक्तांक 62 होता है वे सेना, पुलिस या सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों में नेतृत्व करने में सफल होते हैं तथा अपनी योग्यता के बल पर कार्यरत क्षेत्रों में उच्च पदों पर पहुॅचने में सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसा व्यक्ति कर्मठ होता है और सूझबूझ से कार्य कर सफलता के कीर्तिमान स्थापित करता है। ऐसा जातक जब अपने पथ पर बढ़ता है तो तूफान की गति से बढ़ता हुआ अन्तोगत्वा अपनी सफलता की मंजिल पर पहुॅच जाता है। महान दार्शनिक सुकरात वही काम शीघ्रता से सफल होता है, जिसकी भनक तक किसी  को न लगे।

अंक 63
संयुक्तांक 63 वाले जातक स्वस्थ्य और दूसरों की उन्नति तथा उपकार में सहायक होते हैं। प्राचीन सामाजिक मान्यताओं को बदलने में और उनके स्थान में स्वस्थ्य परम्परा कायम करने के लिए ऐसे लोग विशेष प्रयत्नशील रहते हैं। इस अंक वाले जातक व्यापार के क्षेत्र में विशेष सफल होते हैं लेकिन व्यर्थ का खर्च करने की इनमें बुरी आदत होती है। इसलिए कभी कभी ये लोग गंभीर आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। ऐसे लोग दूसरों की भलाई करने में, दूसरों की उन्नति की राह बनने में धार्मिक कार्यो में बहुत खुश होते हैं। आचार्य चाणक्य के शब्दों में ''विद्या कामधेनु के समान गुण वाली है। वह असमय में भी फल देती है। परदेश में वह भाई के समान है। वह एक प्रकार से गुप्त धन है। इस कारण विद्या का संचय अवश्य कर चाहिए।

अंक 64
जिन लोगों के नाम का संयुक्तांक 64 है अवश्य वे व्यापार की अपेक्षा नौकरी में सफल होते हैं। ऐसे जातक साहित्यिक रूचि वाले होते हैं। इनका वैवाहिक जीवन कुछ कडुवा कुछ मीठा होता है, जिससे मानसिक परेशानी बनी रहती हैं।  इस अंक वाले जातक महत्वाकांक्षी भी होते हैं। वे चाहते हैं, उनका आदर किया जाये। तकदीर और तदवीर, दोनों का सहारा लेकर ऐसे जातक समाज में अग्रणी, राजनीति में चतुर चालाक तथा प्रशाासनिक क्षेत्रों में अपनी प्रशासनिक क्षमता से राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी रहते हैं। किन्तु ऐसे जातक अपने विचारों दृढ, हठी तथा दृढ निश्चय वाले होते हैं।  प्रासांगिक है यहां आचार्य चाणक्य के नीति वाक्य 'पौथी पढऩे से पंडित हो जाने से ही विद्वता नहीं होती, उसे व्यवहार का भी ज्ञान होना चाहिए।

अंक 65
जिन जातकों के नाम का संयुक्तांक 65 होता है, उनका जीवन प्राय: खतरों से भरा रहता है। कई बार चोट लगती है, दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। ग्रहीय प्रतिकूलताओं के कारण न्यायालयीन विवादों तथा कारावास की संभावनाएं भी बन सकती हैं। ऐसे लोग शांत जीवन बिताना पंसद नहीं करते। वे लोग सदैव कुछ न कुछ करते रहते हैं। यदि इनके जीवन में एकरसता हो तो ये लोग बहुत जल्दी ऊब जाते हैं। इनके जीवन में सदैव किसी न किसी प्रकार की घटनाएं घटती रहती हैं।  यह अशुभ अंक है किन्तु प्रयासों से अशुभता शुभता में बदलती जा सकती है। उचित तैयारी करके खराब प्रदर्शन से बचा जा सकता है। खुशियां मानने के लिए दुखों और विफलताओं को स्वीकार करें, यह सिर्फ दिमाग की सम्पन्नता है जो कि आदमी को सम्पन्न और खुश बनाती है। इमर्सन के शब्दों में: परीक्षा में वही खरे उतरतें हैं, जिनमें आत्म विश्वास होता है।

अंक 66
यह शुभांक है। यह अंक जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का सूचक है। चाहे व्यापार हो अथवा नौकरी, कोई भी क्षेत्र क्यों न हो ? जिस व्यक्ति के नाम का संयुक्तांक 66 होगा, वह अपने अपने कार्य क्षेत्र में सफलता अवश्य  प्राप्त करता है।  ऐसा व्यक्ति जीवन में कुछ न कुछ करता रहता है। बेकार बैठना ऐसे व्यक्तियों को बिल्कुल पसन्द नहीं आता । अपनी उन्नति के लिए ऐसे जातक सतत प्रयत्नशील रहते है। ऐसे जातक जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, वे दरअसल हमें अपने शब्दों पर सोचने के लिए आमांत्रित करते है। शब्दों के कारण वे रक्षात्मक स्थिति पर पहुॅचते हैं और जीवन में सफलताओं हेतु नित नये चक्रव्यूह की रचना करते देखे जा सकते हैं। चाणक्य के शब्दों में ''प्रतिकूल को अनुकूल बनाना ही कूटनीति है।

अंक 67
यह अंक मधुरता का प्रतीक है। इस अंक वाले जातक बहुत व्यवहार कुशल होते हैं। ये लोग शान्त स्वभाव के और व्यवहार कुशल होते हैं। इस बात को सदा ध्यान रखते हैं कि इनके व्यवहार से दूसरों को कष्ट न पहुॅचे । ये लोग दोहरे व्यक्तित्व वाले नहीं होते । मन में कोई भी बात छिपा कर नहीं रखते । जो इनके दिल में होता है, उसे स्पष्ट कह देते हैं। इनकी सच्चाई और स्पष्टवादिता ही इनका प्रधान गुण होता है। इन्हीं गुणों के कारण ये उन्नति कर पाते हैं। ऐसे व्यक्ति प्राय: अच्छे लेखक, चित्रकार और कवि भी होते हैं। परन्तु इनके कार्यो में एक विशेष प्रकार का दार्शनिक दृष्टिकोण पाया जाता है। रामकृष्ण परमहंस के शब्दों में भलाई करने से बुराई मिलें तो भी भलाई न छोड़ो।
अंक 68
यह अंक घबड़ाहट और परेशानी का सूचक है। जिन व्यक्तियों के नाम का संयुक्तांक 68 होता है वे बहुत विचलित और परेशान रहते हैं। वास्तव में इनका मस्तिष्क किसी न किसी बात को लेकर हर समय चिन्ताग्रस्त रहता है, जिसके कारण ये परेशान तथा उत्साह से रहित होते हैं। अपने स्वार्थ के लिए यह किसी को भी धोखा दे सकते हैं।  मार्कण्डेय मुनि के शब्दों में ''ईश्वर ने केवल मनुष्य को ही विचार शक्ति दी है । वह इसका उपयोग न करें तो इसमें ईश्वर का क्या दोष ?
अंक 69
यह अंक उन्नतशीलता का प्रतीक है। ऐसा व्यक्ति अपने कार्यों द्वारा जीवन में बहुत उन्नति करते हुए यश लाभ प्राप्त करता है। ऐसे  व्यक्तियों का यश दूर दूर तक फैल जाता है और समाज में ऐसे जातक प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।  समाज सेवा राष्ट्रहित से जुड़े व्यक्ति ही वास्तव में मानव जीवन के प्रेरणास्त्रोत हंै। स्वामी विवेकानंद के शब्दों में संयम सुख का साधन है, संयमी सच्चा तपस्वी होता है।

अंक 70
यह अंक सौभाग्य का प्रतीक है। जो व्यक्ति इस अंक से संबंधित होते हैं वे जिस क्षेत्र में जाते हैं उसी में उन्नति करते हैं। इन्हें यश और प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है।  इनमें यात्राओं तथा विदेशों से संबंधित बातों की जानकारी लेने की विशेष रूचि होती है। इस अंक वाले स्वभाव से दयालु, सहृदय, कल्पनाशील, कलापूर्ण रोमान्टिक स्वभाव के होते है। किन्तु 69 अंक के अनुपात में इस अंक वाले जातक को कम यश प्राप्त होता है। इनकी वृद्धावस्था बहुत सुख पूर्ण व्यतीत होती हे।

अंक 71
यह संयुक्तांक अशुभ माना जाता है। जो व्यक्ति इस संख्या से संबंधित होते हैं, उनके जीवन में कोई न कोई परेशानी लगी ही रहती है। हर समय ये लोग ऐसा महसूस करते है, जैसे इनके जीवन में कोई अनिष्ट होने वाला है। इसी कारण ये जीवन के किसी क्षेत्र में भी सफलता की उचाईयॉं छूने में असफल होते हैं। यही कारण है कि अशुभ चिन्तन ऐसे जातकों रोगी तथा भ्रमित बना देता हैं।

अंक 72
यह अंक परिश्रम का सूचक हैं। जो व्यक्ति संयुक्तांक 72 से संबंधित होता है, उन्हें कठिन परिश्रम के बाद सफलता का द्वार दिखाई देता है। जितना वे परिश्रम करते हैं उस अनुपात में इन्हें सफलता नहीं मिलती । वैसे इन लोगों में एक विशेषता होती है कितना भी ये लोग परिश्रम करें किन्तु चेहरे पर थकान या बैचैनी न होती इसके विपरीत ये लोग सदैव मुस्करातें रहते हैं तथा ताजगी से भरे रहते है वस्तुत: इनका जीवन दर्शन कर्म ही पूजा है।

अंक 73
यह अंक साधारण जीवन का सूचक है। इस अंक से संबंधित व्यक्ति आमतौर पर एकदम सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं। जीवन के प्रारम्भिक काल में , ये लोग अवश्य ऊॅचा  उठने का प्रयास करते हैं, लेकिन जीवन की असफलताएं इन्हें हतोत्साहित कर देती हैं और अन्त में यह लोग इस बात को स्वीकार कर लेते हैं कि इनके भाग्य में साधारण जीवन बिताना ही लिखा हुआ है। इसलिए अन्त में उत्साहहीन होकर बैठ जाते हैं ।

अंक 74
यह अंक श्रेष्ठता का प्रतीक है। इस संयुक्तांक से संबंधित व्यक्ति किसी भी साधारण वंश में जन्म लेकर अध्यव्यसाय एवं परिश्रम से ये लोग उन्नति के शिखर पर पहुंचते हैं और यश प्राप्त करते हैं। ऐसे व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी घबड़ाते नहीं । लगातार परिश्रम, लगन, दृढ़ता और अपने अदम्य साहस से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होते हैं और यही इनका विशेष गुण हैं।

अंक 75
यह अंक पूर्णता भौतिकता का प्रतीक है। जिन लोगों के नाम का संयुक्तांक 75 होता है, वे जीवन में मौजमस्ती करना ही अपना प्रमुख उद्देश्य समझते हैं। दूसरे दिन की चिन्ता ऐसे लोग नहीं करते, जो वर्तमान होता है? उसी को लोग पूरी तरह जीते हैं और मस्त रहते हैं। धन का संग्रह करना इन्हें बिल्कुल नहीं आता। ऐसे जातकों में बुरी संगति के कारण बुरी लतें तथा सामाजिक बुराईयां भी घेर लेती हंै, इन्हें चार्वाक के सिद्धांतों के ये अनुयायी होते हैं - खाओ  पिओ, और मौज करो ।  इसीलिए इन लोगों की वृद्धावस्था बड़ी  दुखदायी होती है।

अंक 76
यह अंक पतन का का प्रतीक है। ऐसे जातक प्रत्येक कार्य तथा प्रत्येक संबंधों में स्वार्थ की भावना से प्रेरित रहते हैं। वह जीवन के पूर्वार्द्ध में भले ही सफलताओं के शिखरों को छू लें किन्तु पतनोन्मुखी होकर या तो बीमारी की अवस्था में बिस्तरों पर या जेल की कोठरी में अपमानित जीवन भोगते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो इनके भाग्य में सफलताओं की अपेक्षा विफलताओं के कुयोग ज्यादा प्रभावी होते हैं। ग्रहीय अनुकूलताएं सुख के वातायन में झांकने  तथा मधुरता का रसास्वादन कराने में ंसफल हो सकती हैं।

अंक 77
यह अंक स्वार्थ का प्रतीक है। ऐसे जातक अपने कार्य क्षेत्र में या सामाजिक परिदृश्य में स्वार्थ की भावना से प्रेरित होकर कार्यो को गति देते हैं । वह किसी से मित्र भाव भी स्थापित करते हैं, या पहचान बढ़ाते हैं तो उसमें उनकी सोची समझी स्वार्थ भावना जुड़ी होती है।  धीरे -धीरे लोग इनकी स्वार्थता को समझने लगते हैं और इनसे दूरी बनाने में अपनी खैरियत समझते हैं, और फिर ऐसा समय आता है जब इनका साथ देने वाला भी कोई नजर नहीं आता और यहीं से इनके जीवन में असफलता का दौर प्रारम्भ हो जाता है। हीन भावना से प्रभावित होकर ऐसे जातक उन्नति के मार्ग से भटक जाते हैं। ऐसे लोग स्वभाव से डरपोंक और अदूरदर्शी होते हैं।

अंक 78   
यह अंक शुभ माना जाता है । धन के मामले में यह अंक अत्याधिक लाभदायक समझा जाता है। जो व्यक्ति इस संयुक्तांक से संबंधित होते हैं, उनके जीवन में कई ऐसे अवसर आते हैं, जब इन्हें अनायास ही धन की प्राप्ति होती रहती है। जो कार्य ये करते हैं उसी में धन लाभ की प्राप्ति सहज होती है। कार्यशील व्यक्तियों के लिए यह अंक सौभाग्यशाली है। ऐसे जातक सफल व्यवसायी होते हैं। जिस व्यवसाय में दूसरे लोग असफल होते हैं, उसमें भी ऐसे जातक सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर लेते हैं। प्रसन्नता का एक रहस्य यह भी है, और वह है उत्सुकता।

अंक 79
यह अंक परोपकार का सूचक है। जिन लोगों के नाम का संयुक्तांक 79 होता है वे अपना नुकसान करके भी दूसरों को लाभ पहुॅचाते हैं। दूसरों की सहायता करके दूसरों के हित साधन में ये लोग खुश होते हैं। इसलिए समाज में लोग इनका सम्मान करते हैं। ऐसे जातकों के जिम्मे जो काम सौंपा जाता है, उसे पूरी लगन निष्ठा एवं ईमानदारी से पूरा करते हैं। इनमें स्वाभिमान की मात्रा भी अत्याधिक होती है। महान दार्शनिक सुकरात का कथन '' सदैव याद रहें दायरे के बाहर सम्हल कर पैर रखना।
अंक 80
यह अंक पूर्ण सफलता का सूचक है। इस अंक से संबंधित व्यक्ति जीवन में बहुत उन्नति करते हैं और अत्यंत उच्च पद पर पहुचते हैं। ऐसे लोग न केवल धन के मामले में बल्कि धर्म के मामले में बहुत प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। यह अंक सत्ता के अधिकार को दर्शाने वाला तथा अधिकार , शक्ति और आज्ञा का संकेत देने वाला अंक है। इस अंक वाले जातक को क्रियात्मक बुद्धिमत्ता से फल की प्राप्ति होती है। यह अंक भावी योजनाओं के संबंध में सौभाग्यशाली माना गया है। व्यक्ति की भौतिक शक्तियों या सदगुणों के कारण उसे अच्छे फल प्राप्त होते हैं।  थामस आलवा: ''प्रकृति की तीक्ष्ण आंखें हर समय तुम्हारी निगरानी करती रहती है।